Saturday, April 18, 2009

मैं मोरिशस रेडियो पर ...

कुछ दिन हुए ऑफिस के एक मित्र वशिष्ट ने बातो बातो में मुझ से क्रिकेट के बारे में पूछा कि मुझे इसके बारे में कितना पता है... मैंने एक लाइन में जबाब दिया क्रिकेट भारतियों के खून में है ... आप को बता दूँ मोरिशस में फुटबाल प्रमुख खेल है और पिछले कुछ २ / ३ सालो में क्रिकेट को बढावा देने के लिए कुछ कदम उठाये गये है और कुछ टीम्स बनाई गई है ... मेरी बात सुनने के २ / ४ दिन बाद उसने मेरे सामने एक प्रस्ताव रखा और कहा " क्या मोरिशस रेडियो पर जाओगे ??? क्रिकेट के बारे में कार्यक्रम में हिस्सा लोगे ?"... मैं थोडा हक्का बक्का रह गया ... कारण मैंने कभी रेडियो पर जाने के बारे में सपने में भी नही सोचा था ऑर इस समय मैं क्रिकेट के टच में बिलकुल भी नही था ... सो पहली बार मैंने उसको मना कर दिया ... अगले दिन रात को उसका फ़ोन आया और उसने अरविन्द ( वशिष्ट के एक दोस्त ) से बात करवाई जो कि रेडियो पर उस कार्यक्रम का संचालन करते है ... उन से कार्यक्रम का थोड़ा सा पता चला... मैं अब भी कुछ नर्वस सा था तो अगले दिन उन से बात कर के मेरी तरफ़ से वो उस कार्यक्रम में क्या एक्स्पेक्ट करते है ये जानने की कोशिश की ... मेरा डर बस इतना था की मेरे कारण उनका कार्यक्रम खराब न हो ... सब तसल्ली होने पर मैंने हाँ कर दी ...
निर्धारित दिन १८ अप्रैल को मैं शाम ६:०० बजे मोरिशस रेडियो स्टेशन पहुँच गया ऑर अरविन्द से मुलकात की ... वहां जा कर अरविन्द ने बताया कि यह कार्यक्रम संगीत के साथ खेल के बारे में बातचीत का कार्यक्रम है ... उन्होंने थोडा सा दिशा निर्देश भी दिया कि कैसे बात को आगे बढाना है ... अब तक मेरी नेर्वेस्नेस भी कम हो गई थी... सही ६:३० पर कार्यक्रम शुरू हुआ ... उन्होंने मेरा परिचय करवाया ऑर मैंने भी " हेल्लो मौरिस " कह कर सब सुनने वालो का अभिनन्दन किया ... करीब ४५ मिनट्स तक मैं कार्यक्रम में था जिस में हम ने भारत के क्रिकेट को ले कर लोगो की भावनाओं के बारे में , आई -पी -अल के बारे में , टी -२० क्रिकेट ऑर मौजूदा क्रिकेट टीम के बारे में बात की... समय कैसे गुजर गया पता ही नही चला ...
अरविन्द ने सहायक - संचालक नीतिश ने कार्यक्रम में मेरी पसंद के कुछ गाने भी चलाए जिस में से आशिकी फ़िल्म का " धीरे धीरे से मेरी जिन्दगी में आना " ये गाना मैंने अपनी बेगम - साहिबा के लिए चल वाया ...
वास्तव में एक अनूठा अनुभव था ये ... वशिष्ट ऑर अरविन्द को बहुत बहुत शुक्रिया ये अवसर देने के लिए ...

Friday, April 17, 2009

सैर " फ्लिक -एन -फलक " की ...


पहला हफ्ता ऑफिस जाने और आ कर घर ढूँढने में गुजर गया ... किस्मत ने साथ दिया और जल्दी ही एक अपने हिसाब का घर मिल गया और हम वहां रहने चले गये ... यह घर मोरिशस के "रोंज हिल " इलाके में था... पहले दो तीन घर का सामान जुटाने में लग गये और घर थोड़ा सा सेट हो गया था ...
अब अगला सप्ताह अंत आया तो घूमने जाने की बारी थी ... मकान मालिक से बात करने से पता चला " फ्लिक -एन -फलक " सब से पास का समुन्दर बीच है , सो हमने वहां का रुख किया ... यह बीच मोरिशस के पश्चिम में है और राजधानी "पोर्ट -लुईस" के काफ़ी करीब ... पास के बस स्टेशन "कुत्रे बोर्नेस " बस ले कर हम दोनों लगभग ४५ मिनट्स में बीच पहुँच गये ... मोरिशस में सड़क आम तोर पर कम चौडी है और मोड़ काफ़ी त्रिव है जिस कारण गाडिया बहुत तेज न चल कर काफ़ी सावधानी से चलती है ...
बीच पर पहुँच कर उसकी खूबसूरती ने मन मोह लिया ... पानी का रंग एक दम नीला था और एक दम से साफ़ पानी ... सही है मोरिशस के बीचों की तारीफ़ यों ही नही की जाती ... वहां पर काफ़ी लोग आए हुए थे जो की अपने अपने तरीके से बीच पर मजा कर रहे थे ... हम दोनों बिना किसी तैयारी के गये थे तो थोड़ा समय बिता कर वापस घर आ गये ... परन्तु इस कम समय में भी हम ने अच्छा अनुभव हुआ और वहां पर मोरिशस का लोक संगीत "सेगा " भी सुनने को मिला ...
ये बीच अपने शांत पानी , कोरल . पाम के पेड़ और रेत के लिए मशहूर है ... वास्तव में देखने लायक है ...,